KK Pathak IAS Biography: आयु, बैच, कैडर, पत्नी, परिवार, वर्तमान पदस्थापना और अन्य

KK Pathak IAS Biography: केके पाठक, बिहार कैडर के 1990 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के मूल निवासी हैं। उनका जन्म 15 जनवरी, 1968 को हुआ था और अब वे 56 वर्ष के हैं। उनकी पत्नी के बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन केके पाठक पटना, बिहार में राजस्व विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।

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Personal Details Of KK Pathak IAS

Detail Information
Full Name Keshav Kumar Pathak
Profession IAS Officer
Batch 1990
Cadre Bihar
Date of Birth 15 January 1968
Age 56 years (As of 2024)
Birthplace Allahabad, Uttar Pradesh
Home State Uttar Pradesh
Education M.Phil (Economics), B.A. (Economics)
Father Major G.S Pathak (Ex-Principal Secretary)
Wife Padma Pathak
Current Posting Chairman of Revenue Department, Patna
Date of Joining IAS 20 August 1990
Date of Retirement 31 January 2028

Summary Of KK Pathak IAS Biography

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

के.के. पाठक का जन्म 15 जनवरी, 1968 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। बचपन से ही उनकी शैक्षणिक उपलब्धियाँ सर्वविदित हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और इस विषय में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए अर्थशास्त्र में एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की।

व्यक्तिगत जीवन

उनका विवाह पद्मा पाठक से हुआ था। उनके पिता मेजर जी.एस. पाठक उनके जीवन और करियर में एक प्रमुख प्रेरणा रहे हैं। लघु जल संसाधन विभाग (बिहार) में प्रधान सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान के.के. पाठक की शासन शैली और लोक प्रशासन पर भी मेजर का महत्वपूर्ण प्रभाव रहा।

पेशेवर सफ़र

केके पाठक ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपना शानदार सफ़र 20 अगस्त, 1990 को शुरू किया। 18 अगस्त, 1992 को कटिहार में उनकी पहली नियुक्ति उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) के रूप में हुई। तब से वे बिहार सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे और पटना में अध्यक्ष (राजस्व विभाग) के रूप में अपने वर्तमान पद तक पहुँचे, जहाँ उन्होंने 5 अगस्त, 2024 को पदभार ग्रहण किया।

करियर की मुख्य विशेषताएँ

KK Pathak IAS Biography
image source: navbharattimes.indiatimes

केके पाठक वर्ष 1990 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल हुए। 1992 में उनकी पहली नियुक्ति कटिहार के उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) के रूप में हुई। उन्होंने बेगूसराय, शेखपुरा और बाढ़ जैसे क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर कार्य किया और ज़िला प्रशासन का व्यापक अनुभव प्राप्त किया। वर्ष 1994 में उन्हें ग्रामीण विकास विभाग में अवर सचिव के रूप में नामित किया गया, जो बिहार में उनके प्रमुख राजनीतिक जीवन की शुरुआत थी।

ज़िला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट

कैरियर पाठक 1996 में गिरिडीह के ज़िला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट बने, जो उनकी पहली पोस्टिंग थी और इस पोस्टिंग के दौरान उन्होंने एक गंभीर अधिकारी के रूप में ख्याति प्राप्त की। 1999 से 2001 तक, उन्होंने वित्त एवं कंपनी मामलों के विभाग में उप सचिव के रूप में कार्य किया, जहाँ उन्होंने न केवल वित्तीय नियमों, बल्कि कॉर्पोरेट मामलों में भी प्रशंसा अर्जित करते हुए, एक बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके बाद, 2002 में, उन्होंने बिहार राज्य ऋण एवं निवेश निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया, जिसके अंतर्गत उन्होंने लघु उद्योगों के विकास कार्यों का पर्यवेक्षण किया।

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव

नेतृत्व पाठक ने कई प्रमुख पदों पर कार्य किया, 2005 में गोपालगंज के ज़िला कलेक्टर के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2006 में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में उप निदेशक के रूप में भी प्रतिष्ठित पद पर कार्य किया। बाबा के रूप में, वे अपनी प्रबंधन क्षमताओं के लिए जाने जाते थे और 2009 में उन्हें मानव संसाधन विकास विभाग का सचिव नियुक्त किया गया, जिसने बिहार में शैक्षिक सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2010 में, उन्हें गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव के रूप में अपनी पहली राष्ट्रीय स्तर की भूमिका में नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने संवेदनशील आंतरिक सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।

प्रधान सचिव

पाठक ने बाद में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, अर्थात् 2015 में आबकारी, पंजीकरण, कराधान और स्टाम्प (ईआरटीएस) विभाग के प्रधान सचिव के रूप में। इसके बाद उन्होंने 2019 और 2021 में दिल्ली में सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग के प्रमुख का पदभार संभाला, जहाँ उन्होंने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं पर काम किया। उनकी प्रबंधन क्षमता 2023 में फिर से स्पष्ट हुई, जब उन्हें राज्य के शैक्षिक मानकों को बेहतर बनाने के मिशन के साथ बिहार के शिक्षा विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया गया।

राजस्व विभाग के अध्यक्ष

केके पाठक वर्तमान में पटना में राजस्व विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं, यह पद उन्होंने 2024 में ग्रहण किया। विभिन्न नेतृत्वकारी पदों पर रहते हुए उनका शानदार करियर, बिहार में लोक सेवा और शासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उल्लेखनीय घटनाएँ और विवाद

पत्रकार पर हमला (1990) – गिरिडीह के तत्कालीन उपायुक्त केके पाठक ने कथित तौर पर एक पत्रकार पर शारीरिक हमला किया था। यह हमला पत्रकार द्वारा दर्ज की गई एक खबर के जवाब में किया गया था, जिसे गलत बताया गया था।

उच्च न्यायालय का जुर्माना (2018): एसबीआई शाखा प्रबंधकों द्वारा स्टाम्प शुल्क जमा करने में देरी करने की मनमानी के एक मामले में पटना उच्च न्यायालय ने पाठक पर 1.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

एक कंपनी मालिक पर हमला (2019): एक कंपनी मालिक ने केके पाठक पर प्रधान सचिव के पद पर रहते हुए गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी देने और उन पर शारीरिक हमला करने का आरोप लगाया था।

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