मेजर ध्यानचंद: हॉकी के जादूगर का जीवन परिचय, आज कीं ताजा खबर
आज हम देखणे जा रहे Major Dhyan Chand Biography in Hindi में मेजर ध्यानचंद जी कीं जीवनी जो असलीयत, में आँखो से आंसू लेकरं आहे सकती हैं. मेजर ध्यानचंद को भारतीय खेल इतिहास में सबसे महान खिलाडीयो में से एक माना जाता हैं. उनकी अद्भुत हॉक्की कौशल ने भारत को ऑलम्पिक खेलो में तीन बार स्वर्ण पदक दिलाया था.
ऐ बात आप सभी को पता होनी चाहिए तो इस मेजर ध्यानचंद का जीवन परिचय को इतने लोगो तक शेयर करें कीं हर घर में यह बात फैल जाये और हमारे देश के युवा जागृत होकार खेल खेल में स्वर्ण पदक, हिंदुस्थान के नाम कर दे. तो चलिए देखते हैं Major Dhyan Chand Biography in Hindi किस प्रकार हैं:-
मेजर ध्यान चंद BIO/WIKI
जन्म नाम | ध्यान सिंह |
उपनाम | जादूगर, जादूगर |
जन्म | 29 अगस्त 1905 |
जन्म स्थान | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत |
आयु | 74 वर्ष |
मृत्यु | 3 दिसंबर 1979 |
निष्ठा | ब्रिटिश भारत (1922-1947) भारत (1947 से) सेवा/शाखा ब्रिटिश भारतीय सेना |
भारतीय सेना | सेवा के वर्ष |
1922-1956 | रैंक |
मेजर यूनिट | 1 ब्राह्मण, 14 वीं पंजाब रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट |
पुरस्कार | पद्म भूषण |
मेजर ध्यानचंद का प्रारंभिक जीवन: Early Life of Major Dhyan Chand
जन्म:
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद यांनी कीं प्रयागराज में हुआ था.
पृष्ठभूमि:
मेजर ध्यानचंद एक क्षत्रिय परिवार से थे aur बचपण से ही खेलो में रुची रखते हैं.
सेना में भर्ती:
मेजर ध्यानचंद अपने 16 साल कीं उम्र में ब्रिटिश भारतीय सेना में भरती हो गये थे.
मेजर ध्यानचंद जी का हॉकी करियर: Hockey Career of Major Dhyan Chand
प्रतिभा का उदय:
सेना में रहते हुए उनकी हॉकी प्रतिभा का उदय हुआ. उनकी गेंद पर नियंत्रण, ड्रिबलिंग और गोल करने कीं क्षमता देखणे के लायक थी.
ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन:
मेजर ध्यानचंद जी ने 1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एजिल्स और 1936 बर्लीन ऑलम्पिक में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया और तीनो ही बार स्वर्ण पदक जिता.
हिटलर भी हुए थे प्रभावित:
बर्लीन ऑलम्पिक में उनके प्रदर्शन से हिटलर इतना प्रभावित हुआ था कीं उसने उन्हे जर्मण सेना में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था.
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति:
मेजर ध्यानचंद को दुनिया भर मर हॉकी का जादूगर कहा जाता था. उनकी खेल भावना और निष्पक्षता के लिए उन्हे बहुत सम्मान दिया जाता था.
मेजर ध्यानचंद जी के सम्मान और विरासत: Honour and legacy of Major Dhyan Chand
पद्म भूषण:
भारत सरकार ने मेजर ध्यानचंद पद्म भूषण से सम्मानित किया था.
राष्ट्रीय खेल दिवस:
भारत में 29 अगस्त को उनके जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता हैं.
हॉकी स्टेडियम:
भारत में कई हॉकी स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा गया हैं.
प्रेरणास्त्रोत:
आज भी युवा खिलाडी उन्हे अपना आदर्श मानते हैं.
निष्कर्ष
मेजर ध्यानचंद भारतीय खेल इतिहास के एक महान सितारे थे. उन्होने अपनी प्रतिभा और लगन से भारत का नाम दुनिया में लहरा दीया. उनकी कहांज हमे प्रेरित करती हैं कीं कडी मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष भेदा जा सकता हैं.
क्या आप मेजर ध्यानचंद के बारे में कुछ और जानना चाहते हैं? अगर हा तो हमे जरूर बतायें.
यहां कुछ प्रश्न पूछ सकते हैं:
- ध्यानचंद ने हॉकी खेलना कैसे सीखा?
- उनके कुछ यादगार मैच कौन से थे?
- हिटलर ने उन्हें जर्मन सेना में शामिल होने का प्रस्ताव क्यों दिया था?
- भारत सरकार ने उनके सम्मान में क्या-क्या किया है?
- मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
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