Biography of Raja Ram Mohan Roy: राजा राम मोहन राय की जीवनी हिंदी में

आज देखणे वाले हैं Raja Rammohan Roy Ka Jivan Parichay Kya Hai के लेख में राजा राममोहन राय कीं जीवनी कीं कहानी, आज का अपडेट VIP BIOGRAPHY के जुबानी. राजा राममोहन राय को भारत के पूनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता हैं. उन्होने भारतीय समाज और धर्म में व्यापक सुधारो के लिए अथक प्रयास किए हैं. इसलिए आज हमारा यह Raja Ram Mohan Roy Ka Jivan Parichay in Hindi लेख लिखा गया हैं टो चलिए देखते हैं:-
राजा राम मोहन राय की जीवनी: Raja Ram Mohan Roy Biography
पूरा नाम: | राजा राम मोहन राय |
जन्म तिथि: | 22 मई, 1772 |
जन्मस्थान: | राधानगर, बंगाल, भारत |
जाती: | ब्राह्मण परिवार |
शिक्षा: | पारंपरिक हिंदू शिक्षा |
डिग्री: | वकालत, कलकत्ता, 1817 |
भाषा: | हिंदी, संस्कृत, फ़ारसी, अरबी और अंग्रेज़ी |
मृत्यु तिथि: | 27 सितंबर, 1833 |
राजा राम मोहन राय का प्रारंभिक जीवन: Early Life of Raja Ram Mohan Roy
राजा राम मोहन राय का जन्म: Birth of Raja Ram Mohan Roy
राजा राम मोहन राय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के राधानगर में हुआ था.
राजा राम मोहन राय की शिक्षा: Education of Raja Ram Mohan Roy
राजा राम मोहन राय ने संस्कृत, फारसी, अरबी, और English का गहन अध्ययन किया हैं.
राजा राम मोहन राय का विवाह: Marriage of Raja Ram Mohan Roy
राजा राममोहन राय ने 3 शादिया कि थी यानी कीं उनकी 3 बीबीया थी.
राजा राम मोहन राय एक समाज सुधारक के रूप में: Raja Ram Mohan Roy as a social reformer
राजा राम मोहन राय का सती प्रथा का विरोध: Raja Ram Mohan Roy opposed the practice of Sati
राजा राममोहन राय ने सती प्रथा का कडा विरोध किया और इसें खतम करने के लिए अंग्रेजी सरकार के पास याचिका दायर कीं. 1829 में सती प्रथा को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया.
राजा राम मोहन राय का बाल विवाह और बहुविवाह का विरोध: Raja Ram Mohan Roy opposed child marriage and polygamy
राजा राम मोहन राय ने बाळ विवाह और बहुविवाह जैसी कृप्रथाओ का भी विरोध किया था.
राजा राम मोहन राय का महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष: Raja Ram Mohan Roy’s struggle for women’s rights
Raja Ram Mohan Roy ने महिलाओ के अधिकारो के लिए संघर्ष किया और उन्हे संपत्ती के अधिकार देणे कीं मांग कीं.
राजा राम मोहन राय का जाति व्यवस्था का विरोध: Raja Ram Mohan Roy opposed the caste system
राजा राम मोहन राय ने जाती व्यवस्था का विरोध किया और सभी धर्मो के लोगो को एक सामान अधिकार दिलाया था.
राजा राम मोहन राय धार्मिक सुधारक के रूप में: Raja Ram Mohan Roy as a religious reformer
राजा राम मोहन राय की ब्राम्हण समाज की स्थापना: Raja Ram Mohan Roy founded the Brahmin community
राजा राममोहन राय ने 1828 में ब्रम्ह समाज कीं स्थापना कीं, जिसका उद्देश्य एकेश्वरवाद और सामाजिक सुधार को बढावा देना था.
राजा राम मोहन राय का वेदों का अध्ययन: Raja Ram Mohan Roy’s study of the Vedas
राजा राम मोहन राय ने वेदो का गहन अध्ययन किया और उनकी व्याख्ख्या कीं.
राजा राम मोहन राय का अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णुता: Raja Ram Mohan Roy’s tolerance towards other religions
वे सभी धर्मो के प्रति सहिष्णू थे और धार्मिक सदभाव कीं वकालत करते थे.
राजा राम मोहन राय कीं विदेश यात्राएं: Raja Ram Mohan Roy’s foreign trips
राजा राम मोहन राय की इंग्लैंड यात्रा: Raja Ram Mohan Roy’s visit to England
1831 में राजा राम मोहन राय इंग्लंड गये और वहा ब्रिटिश संसद में सती प्रथा के खिलाफ बोलणे के लिए गये.
देश के लिए राजा राम मोहन राय का योगदान: Contribution of Raja Ram Mohan Roy to the country
राजा राम मोहन राय का आधुनिक भारत का निर्माण: Raja Ram Mohan Roy was responsible for creating modern India
राजा राममोहन राय ने भारत में आधुनिकता और तर्कवाद को बढावा दिया था.
राजा राम मोहन राय की सामाजिक चेतना: Social Consciousness of Raja Ram Mohan Roy
उन्होने भारतीय समाज में सामाजिक चेतना जगाई थी.
राजा राम मोहन राय का शिक्षा का प्रसार: Spread of education by Raja Ram Mohan Roy
Raja Ram Mohan Roy ने शिक्षा के प्रसार पर जोर दिया था.
निष्कर्ष
राजा राममोहन राय एक महान समाज सुधारक और धार्मिक नेता थे. उन्होने भारतीय समाज में व्यापक बदलावं लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हे आधुनिक भारत का जनक कहा जाना बिलकुल उचित हैं. यह थी हमारे आज के इस Raja Ram Mohan Roy Biography Pdf in Hindi लेख कीं कहानी, आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें.
राजा राम मोहन राय की विकिपीडिया:
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BE_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%A8_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF
राजा राममोहन राय पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQs)
राजा राममोहन राय का इतिहास क्या है?
राजा राम मोहन रॉय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के राधानगर में एक रूढीवादी ब्राम्हण परिवार में हुआ था.
1815 में प्रकाशित राजा राममोहन राय की पहली Book का नाम क्या था?
राजा राम मोहन रॉय कि पहली Book 1815 में वेदांत ग्रंथ नाम कि प्रकाशित कि थी.
राजा राम मोहन राय की मृत्यु कहाँ हुई थी?
राजा राम मोहन रॉय कि मृत्यू 27 सितम्बर 1833 को इंग्लंड के ब्रिस्टल में हुई थी.
राम मोहन राय कौन थे?
राजा राम मोहन रॉय जी को एक Famous भारतीय समाज सुधारक थे, जिन्हें भारतीय पूनर्जागरण का जनक माना जाता था.
सती प्रथा के जनक कौन हैं?
समाज सें खत्म कि कुरितिया, सती प्रथा के लिए बनवा दिया कानून, राजा राम मोहन रॉय थे और सती पेथा के जनक थे.
राजा राममोहन राय ने 1821 में क्या प्रकाशित किया था?
राजा राम मोहन रॉय ने 1821 में *मीरात-उल-अखबार* नामक समाचार पत्र प्रकाशित करणा शुरु किया था.
राजा राम मोहन राय का नारा क्या था?
राजा राम मोहन रॉय का नारा *सती प्रथा का उनमूलन* *महिलाओ को समान अधिकार* और *ज्ञान ही प्रकाश हैं* ये नारे उन्ही के थे.
राजा राममोहन राय ने सती प्रथा कब बंद कराई थी?
राजा राम मोहन रॉय ने सती प्रथा को बंद कराया था वो 1829 साल था, इस साल में सती प्रथा को बंद कराया गया था.
राममोहन राय क्यों प्रसिद्ध हैं?
राजा राम मोहन रॉय प्रसिद्ध इस लिए थे क्यूकी उन्हे *भारतीय पूनर्जागरण का जनक* कहा जाता था.
राजा राममोहन राय की मृत्यु कहाँ और कब हुई थी?
राजा राम मोहन रॉय कि मृत्यू 27 सितम्बर 1833 को इंग्लंड के ब्रिस्टल में हुई थी. वे ऊस समय मुगल सम्राट अकबर द्वितीय के दूत के रूप में इंग्लंड गये थे, ताकी उन्हे मुगल सम्राट कि पेन्शन बढवाने में मदद मिल सके.
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