IAS T.N. Seshan Biography: Lifestyle, Family, Life Story, Career Pathways

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परिचय

T.N. Seshan (तिरुनेल्लै नारायण अय्यर शेषन), जिन्हें लोग प्यार से T.N. Seshan के नाम से जानते हैं, भारत के सबसे प्रतिष्ठित और दिग्गज IAS अधिकारियों में से एक माने जाते हैं। वे भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में प्रसिद्ध हुए, जिन्होंने भारतीय चुनाव व्यवस्था में ऐसा सख्त अनुशासन लागू किया कि आज भी उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। भ्रष्टाचार, कदाचार और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ उनके साहसिक कदमों ने उन्हें भारतीय लोकतंत्र की चेतना में गहराई से स्थापित कर दिया।

प्रारंभिक जीवन और परिवार

  • पूरा नाम: तिरुनेल्लै नारायण अय्यर शेषन

  • जन्म: 15 दिसंबर 1932

  • जन्मस्थान: पालक्काड, केरल, भारत

  • परिवार: वे एक तमिल ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए। उनके पिता वकील थे और माता गृहिणी थीं।

  • पत्नी: जयलक्ष्मी शेषन

  • संतान: दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी। शेषन ने अपना पूरा जीवन सार्वजनिक सेवा को समर्पित कर दिया।

शिक्षा

  • शेषन ने अपनी स्कूली शिक्षा केरल में पूरी की।

  • इसके बाद उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से भौतिकी (Physics) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

  • बाद में वे छात्रवृत्ति पर अमेरिका गए और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की।

  • उनकी शैक्षणिक उपलब्धियाँ ही उनके सुधारवादी और समर्पित प्रशासनिक करियर की नींव बनीं।

IAS करियर मार्ग

T.N. Seshan ने 1955 में (केरल कैडर) भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में प्रवेश लिया। अपने करियर में उन्होंने अनेक प्रशासनिक भूमिकाओं में काम किया और अपनी ईमानदारी व कठोर कार्यशैली के कारण हमेशा अलग पहचान बनाई।

प्रमुख पद:

  • संयुक्त सचिव, अंतरिक्ष मंत्रालय – डॉ. विक्रम साराभाई के साथ मिलकर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में अहम योगदान दिया।

  • पर्यावरण विभाग के सचिव – पर्यावरण से जुड़े सुधारात्मक कदम उठाए।

  • कैबिनेट सचिव, भारत सरकार – चुनाव आयुक्त बनने से पहले यह सर्वोच्च प्रशासनिक पद संभाला।

  • मुख्य चुनाव आयुक्त (1990–1996) – यहीं से वे भारतीय राजनीति और प्रशासन में एक किंवदंती बन गए।

मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में भूमिका

भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में शेषन ने भारतीय चुनाव प्रणाली का चेहरा पूरी तरह बदल दिया।

प्रमुख सुधार:

  • आचार संहिता (Model Code of Conduct) का सख्त अनुपालन।

  • चुनावों में धनबल और बाहुबल का प्रयोग रोकना।

  • वोटर आईडी कार्ड लागू करना ताकि फर्जी मतदान पर रोक लगे।

  • बूथ कैप्चरिंग और मतदाताओं को रिश्वत देने जैसी चुनावी गड़बड़ियों को खत्म करना।

  • चुनाव आयोग को पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था के रूप में स्थापित करना।

इन सुधारों ने भारतीय लोकतंत्र की विश्वसनीयता को बढ़ाया और शेषन को एक निर्भीक प्रतीक बना दिया जिसे जनता ने सराहा और नेता उनसे भयभीत रहे।

जीवनशैली और व्यक्तित्व

  • T.N. Seshan का जीवन बेहद साधारण और अनुशासित था।

  • वे ईमानदारी, समय की पाबंदी और जिम्मेदारी के प्रबल समर्थक थे।

  • ऊँचे पदों पर रहते हुए भी उन्होंने कभी विलासिता का जीवन नहीं अपनाया।

  • वे शाकाहारी थे, गहरी आध्यात्मिक सोच रखते थे और अपने बेबाक हास्य व स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते थे।

पुरस्कार और सम्मान

  • रमन मैग्सेसे पुरस्कार (1996) – सरकारी सेवा के लिए।

  • लोकतंत्र और पारदर्शिता को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित।

  • उन्हें “No-Nonsense CEC” की उपाधि मिली क्योंकि वे भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस रखते थे।

अंतिम जीवन

  • सेवानिवृत्ति के बाद भी शेषन सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे। वे शासन और लोकतंत्र पर व्याख्यान देते और बहसों में भाग लेते रहे।

  • उन्होंने 1997 में राष्ट्रपति चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफल नहीं हो पाए।

  • 10 नवंबर 2019 को 86 वर्ष की आयु में उनका निधन चेन्नई में हुआ।

विरासत

T.N. Seshan का जीवन साहस, ईमानदारी और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण की कहानी है। उनके कार्यकाल में चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र का एक सशक्त स्तंभ बन गया। आज भी IAS अधिकारी, नेता और आम जनता उन्हें ईमानदार और जवाबदेह प्रशासन की मिसाल के रूप में याद करते हैं।

निष्कर्ष

IAS T.N. Seshan की जीवनी सिर्फ एक IAS अधिकारी की कहानी नहीं है, बल्कि उस व्यक्ति की कहानी है जिसने भ्रष्टाचार की जड़ों को हिला दिया और भारतीय चुनाव व्यवस्था को हमेशा के लिए बदल दिया। उनका सरल जीवन, उच्च विचार और निडर सुधारवादी सोच आने वाले समय के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बनी रहेगी।

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