Smita Sabharwal Ias Biography: आईएएस स्मिता सभरवाल का जीवन परिचय

नमस्ते दोस्तो आज हम देखणे वाले हैं Smita Sabharwal Ias Biography in Hindi लेख इस लेख में फिर सें एक IAS OFFICER BIOGRAPHY लेकर आये हैं, तो चलिए जानते हैं, आखिर कौन हैं आईएएस स्मिता सभरवाल? भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में कुछ ही अधिकारी ऐसे होते हैं जो अपने काम सें एक अलग पहचान बनाते हैं और जनता के दिलो में अपनी जगाह बनाते हैं. आईएएस स्मिता सभरवाल एक ऐसा ही नाम हैं, जिन्हें प्रेम और सम्मान सें जनता का अधिकारी कहा जाता हैं. सिर्फ 22 साल कि उम्र में UPSC जैसी मुश्किल परीक्षा में 4थी Rank हासील करणा और फिर अपने प्रशासनिक करियर में जण-केंद्रित पहलो सें लाखों लोगो के जीवन को प्रभावित करणा, उनकी कहाणी को बेहद प्रेरणादायक बनाता हैं. आइये उनके असाधारण जीवन और करियर के सफर को इस Smita Sabharwal Ias Biography in Hindi लेख सें विस्तार सें समझते हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल कौन हैं?Who is IAS Smita Sabharwal?
19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग में जन्मी स्मिता सभरवाल साल 2000 में 4th Rank हासील कर UPSC टॉपर बनी थी. IAS कि ट्रेनिंग के बाद उन्हे तेलंगना कि वरिष्ठ अधिकारीयो में गिना जाता हैं. स्मिता सभरवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा कि सबसे खूबसूरत IAS अधिकारीयो में सीक हैं. तेलंगाणा कैडर में साल 2001 BACH कि सिनियर IAS अधिकारी स्मिता सभरवाल वर्तमान में तेलंगाणा वित्त आयोग कि सदस्य – सचिव पद पर कार्यरत हैं.
IAS Smita Sabharwal Biography आईएएस स्मिता सभरवाल का का जीवन परिचय: स्टेप-बाय-स्टेप
1: प्रारंभिक जीवन, पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा:
जन्म और पारिवारिक माहौल:-
स्मिता सभरवाल का जन्म 19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के सुरम्य पर्वतीय शहर दार्जीलिंग में हुआ. वह एक बंगाली परिवार सें आती हैं. उनके पिता कर्नल प्रणब दास, भारतीय सेना में एक अधिकारी थे. सेना के घराणे के कारण, स्मिता का बचपण एक बेहद अनुशासित माहोल में बिता हैं. पिता कि नौकरी में होणे वाले लगातार ट्रान्सफर ने उन्हे बचपण में ही भारत के विभिन्न हिस्सो में रहने और विविध संस्कृतीयो को समझने का अवसर दिया. इस अनुभव ने उनके देखणे के नजरीये को व्यापक बनाया और उनमे लचिलेपण और अनुकूलनशिलता के गुण विकसित किए.
स्मिता सभरवाल आईएएस की स्कूली शिक्षा:-
अपनी स्कुली शिक्षा के Last Year उन्होने हैद्राबाद के सेंट एन हाई स्कुल, मरेडपल्ली सें पिरेड किए. वह शुरु सें ही एक होशियार Student थी. उनकी शैक्षणिक प्रतिभा का सबसे बडा प्रमाण तब मिला जब उन्होने 12वी Class कि ICSE बोर्ड Exam में अखिल भारतीय स्तर पर Top किया. यह एक असाधारण उपलब्धी थी जिसने यह क्लियर कर दिया कि वह एक अति बुद्धिमान लडकी है.
स्मिता सभरवाल आईएएस की उच्च शिक्षा:-
स्कुली शिक्षा के बाद, उन्होने हैद्राबाद के प्रतिष्ठित सेंट फ्रँसीस डिग्री कॉलेज फॉर विमेन में दाखीला लिया और कॉमर्स में ग्रेज्युएशन कि डिग्री हासील कि. कॉमर्स कि Student होणे के बावजुद उनके मॅन में देश और समाज के लिए कुछ बडा करने कि इच्छा थी, जिसकी प्रेरणा उन्हे सीधे तौर पर अपने पिता सें मिली थी.
2: यूपीएससी का लक्ष्य और शानदार सफलता:
स्मिता सभरवाल आईएएस की प्रेरणा और निर्णय:-
अपने पिता को सेना कि वर्दी में देश कि सेवा करते देख, स्मिता के मॅन में भी लोक सेवा का जज्बा पैदा हुआ. उन्होने सिवील सेवा को अपना करियर बनाने का फैसला किया. उन्होने ग्रेज्युएशन कि पढाई के दौरान ही UPSC कि तैयारी शुरु कर दि थी.
स्मिता सभरवाल आईएएस की असफलता से सीख:-
कई टॉपर्स कि तरह, स्मिता को भी अपने पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली. वह प्रारंभीक परीक्षा भी पास नहीं कर सकी. लेकिन इस असफलता ने उन्हे निराश नहीं किया, बल्की अपनी कमियो को समझने और उन्हे दूर करने के लिए प्रेरित किया. उन्होने अपनी रणनीती का को समझा और उसके बाद दोगुणा मेहनत सें तैयारी में जूट गई.
स्मिता सभरवाल आईएएस की ऐतिहासिक सफलता:-
साल 2000 में, अपने दुसरे अटेंप्ट में स्मिता ने इतिहास रच दिया. महज 22 साल कि उम्र में, उन्होने UPSC सिवील सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय 4TH Rank (AIR 4) हासील कि. यह एक ऐतिहासिक सफलता थी, जिने उन्हे देश कि सबसे कम उम्र में IAS बनणे वाली महिला अधिकारीयो मर सें एक बना दिया. उन्होने वैकल्पीक विषयो के रूप में मानव सायन्स और लोक प्रशासन को चुना था. उनकी यह सफलता ऊन लाखों युवाओ के लिए एक मिसाल बन गई जो इस प्रतिष्टीत सेवा में आणे का सपना देखते हाई.
3: एक “जनता के अधिकारी” के रूप में करियर:
स्मिता सभरवाल आईएएस का प्रारंभिक कार्यकाल:-
मसुरी में लाल बहादूर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकॅडमी में अपना प्रशिक्षण पुरा करने के बा, उन्हे 2001 Bach में तेलंगना कैडर में अलोकेट किया गया. उनकी पहली स्वतंत्र पोस्टिंग कि गई. उनकी पहली स्वतंत्र पोस्टिंग चित्तूर जिले में मदनपल्ली के Sub- Collector के रूप में हुई. इसके बाद उन्होने कडप्पा में ग्रामीण विकास Agency के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वारंगल के नगर निगम आयुक्त और विशाखापतनम में वाणिज्यिक कर उपायुक्त जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पदो पर काम किया.
स्मिता सभरवाल आईएएस का जिला कलेक्टर के रूप में परिवर्तनकारी कार्यकाल:-
उनका कार्यकाल तब एक नया मोड ले गया जब उन्हे करीमनगर और बाद में मेडक जिले का जिला कलेक्टर नियुक्त किया गया. इन भूमिकाओ में, उनकी प्रशासनिक क्षमता और जण-केंद्रित दृष्टिकोन पुरी तरह सें निखर कर सामने आया. उन्होने शिक्षा और स्वास्थ के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलावं किए.
स्मिता सभरवाल आईएएस का मुख्यमंत्री कार्यालय में सलेक्शन:-
उनकी असाधारण कार्यशैली और प्रभावी परिणामो को देखते हुए, उन्हे तेलंगाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त किया गया. वह यह महत्वपूर्ण पद संभालने वाली पहली महिला IAS OFFICER बनी, जो उनकी प्रशासनिक क्षमता और सरकार के ऊन पर भरोसे का प्रतीक था.
4: स्मिता सभरवाल आईएएस की प्रमुख जन-केंद्रित पहल और उपलब्धियां:
आईएएस स्मिता सभरवाल कि पहचान केवल एक कुशल प्रशासक के रूप में ही नहीं, बल्की एक इनोवेटर के रूप में भी हैं. उन्होने कई ऐसी योजनाए शुरु कि जिन्हें बाद में राज्य स्तर पर मॉडेल के रूप में अपनाया गया.
स्मिता सभरवाल आईएएस का *माँ का दुलार अभियान*:-
करीमनगर के कलेक्टर के रूप में, उन्होने सरकारी हॉस्पिटलो में स्वास्थ सुविधाओ को बेहतर बनाने के लिए यह अभियान शुरु किया. इसका मुख्य उद्देश्य संस्थागत प्रसव (Institutional Deliveries) को बढावा देना और मातृ एंव शिशु मृत्यू दर को कम करणा था. इस अभियान के तहत, हॉस्पिटलो के बुनियादी ढाचे में सुधार किया गया, स्काईप के जरीये सें डॉक्टरो सें परामर्ष कि सुविधा शुरु कि गई और गर्भवती महिलाओ को बेहतर देखभाल प्रदान कि गई. इस अभियान को जबरदस्त सफलता मिली और इसे प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार के किए भी नामांकित किया गया.
स्मिता सभरवाल आईएएस की “फंड योर सिटी” पहल(अपने शहर को फंड करें):-
वारंगल में नगर निगम आयुक्त के रूप में, उन्होने शहर के विकास के लिए धन जुटाने हेतू यह अनुठी पहल शुरु कि. इसके तहत, उन्होने सार्वजनिक – निजी भागीदारीवको बढावा दिया जिससे ट्रॅफिक जाक्शनो, पार्क, फूट -ओवर ब्रिज और अन्य सार्वजनिक सुविधाओ का निर्माण बिना सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ डाले संभव हो सका.
स्मिता सभरवाल आईएएस की जन-केंद्रित कार्यशैली:-
वह हमेशा सीधे जनता सें संवाद करने और उनकी परेशानीयो को समझने में विश्वास रखती हैं. कलेक्टर के रूप में, वह अक्सर लंबे गावों का निरीक्षण करती थी टाकी सरकारी योजनाओ का Benefit सही लोगो तक पहुच रहा हैं या नहीं, यह Confirm कर सके. उनके इसी काम करने के तरिके ने जनता का अधिकारी का अवोर्ड दिलाया.
5: स्मिता सभरवाल आईएएस का व्यक्तिगत जीवन और वर्तमान भूमिका:
स्मिता सभरवाल आईएएस का परिवार:-
IAS Smita Sabharwal कि शादी IPS अधिकारी डॉक्टर अकून सभरवाल सें हुई हैं, जो खुद एक बेहद काबील अधिकारी हैं. उनके 2 बच्चे हैं, एक बेटा नानक और एक बेटी भुविश. एक व्यस्त प्रशासनिक जीवन के साथ साथ वह अपने Family कि जिम्मेदारीयो को भी बखुबी निभाती हैं.
स्मिता सभरवाल आईएएस की वर्तमान भूमिका:-
वर्तमान में, IAS Smita Sabharwal तेलंगाणा सरकार में एक महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं, जहाँ वह सिंचाई, वित्त और अन्य महत्वपूर्ण विभागो के सचिव के रूप में अपनी सेवाये दे रही हैं. वह आज भी अपनी प्रशासनिक सुझबूझ और समर्पण के साथ राज्य के विकास में योगदान दे रही हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल की सक्सेस स्टोरी:-
कॉलेज कि पढाई करने के बाद ही आईएएस स्मिता सभरवाल ने संघ लोक सेवा आयोग कि सिवील सेवा परीक्षा कि तैयारी शुरु कर दि थी. पहले प्रयास में प्री पास नहीं कर पाई थी और फिर दुसरे प्रयास में UPSC सीएसई 2000 में All India Rank 4th हासील करके आंध्र प्रदेश- तेलंगाणा कैडर में IAS बनी.
आईएएस स्मिता सभरवाल की शादी व पति:-
IAS Smita Sabharwal के पती का नाम IPS अकून सभरवाल और वह पंजाब के पटियाला सें हैं. अकून और स्मिता समान Bach व समान कैडर के अफसर हैं. UPSC पास करने के बाद IPS अकून और IAS स्मिता ने एक साथ LBSNNA में शुरुआती ट्रेनिंग कि थी. दोनो में दोस्ती भी थी, मगर इनके बीच प्यार जैसा कुछ नहीं था. इन्की लव मैरीज नहीं बल्की अरेंज मॅरेज हैं. कहते हैं कि दोनो के पिता डिफेन्स सेवा में थे. एक दुसरे को अच्छी तरह सें जाणते थे. दोनो आपसी बातचीत सें अकून और स्मिता का रिश्ता तय किया गया था. पिता कर्नल PK दास डिफेन्स में होणे के कारण हैद्राबाद में पोस्टेड रहे. वर्तमान में रिटायरमेंट के बाद वही पर रहा रहे हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आईएएस स्मिता सभरवाल का Nickname क्या हैं?
स्मिता सभरवाल आईएएस को जनता पीपुल्स ऑफिसर के नाम सें जाणती हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल का जन्म कब हुआ था?
स्मिता सभरवाल आईएएस का जन्म 19 जून 1977 में पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग में हुआ था.
आईएएस स्मिता सभरवाल के माता का नाम क्या हैं?
स्मिता सभरवाल आईएएस के माता जी का नाम पूरबी दास हैं और वह एक गृहनी हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल के पिता का नाम क्या हैं?
स्मिता सभरवाल आईएएस के पिता जी का नाम कर्नल पीके दास हैं और वह एक रिटायर अफसर हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल का होम टाऊन कहा हैं?
स्मिता सभरवाल आईएएस का होम टाउन पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग में हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल कहा पढि हैं?
स्मिता सभरवाल आईएएस हैद्राबाद के मर्रेडपल्ली में सेंट एन्स सें हाई स्कुल, सेंट फ्रँसीस डिग्री कॉलेज फॉर विमेन में B.COM कि डिग्री ली हुई हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल कि Rank कौनसी हैं?
स्मिता सभरवाल आईएएस ने सिवील सेवा परीक्षा में All India Rank 4th हासील कि हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल वर्तमान में कहा पोस्टेड हैं?
स्मिता सभरवाल आईएएस वर्तमान में तेलंगना में पोस्टेड हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल का वर्तमान पद क्या हैं?
आईएएस स्मिता सभरवाल क वर्तमान पद वित्त आयोग कि सदस्य सचिव कलेक्टर – करीमनगर, मेडक पर काम कर रही हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल के पति कौन थे?
स्मिता सभरवाल आईएएस के पती IPS अकून सभरवाल हैं और वह पंजाब के पटियाला सें हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल किस उम्र में IAS बनी हैं?
आईएएस स्मिता सभरवाल 23 साल की उम्र में आईएएस ऑफिसर बनी थी.
आईएएस स्मिता सभरवाल के बेटे का नाम क्या हैं?
आईएएस स्मिता सभरवाल के बेटे का नाम नानक सभरवाल हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल के बेटी का नाम क्या हैं?
आईएएस स्मिता सभरवाल के बेटी का नाम भुवीस सभरवाल हैं.
आईएएस स्मिता सभरवाल के पति कौन है?
आईएएस स्मिता सभरवाल के पती IPS अकून सभरवाल हैं और वह पंजाब के पटियाला के रहने वाले हैं.
स्मिता सभरवाल आईएएस कब बनी थीं?
आईएएस स्मिता सभरवाल 23 साल की उम्र में आईएएस ऑफिसर बनी थी.
आईएएस स्मिता सभरवाल कौन हैं?
19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग में जन्मी स्मिता सभरवाल साल 2000 में 4th Rank हासील कर UPSC टॉपर बनी थी. IAS कि ट्रेनिंग के बाद उन्हे तेलंगना कि वरिष्ठ अधिकारीयो में गिना जाता हैं.
निष्कर्ष:-
आईएएस स्मिता सभरवाल कि कहाणी सिर्फ एक सफल अधिकारी कि कहाणी नहीं हैं, बल्की यह कडी मेहनत, और उद्देश्यपूर्ण जीवन का एक जिता जागता उदाहरण हैं. देश कि सबसे मुश्किल Exam में Top करने तक, और फिर प्रशासक के रूप में अपनी अमिट छाप छोडने तक, उनका हर कदम प्रेरणादायक हैं. वह इस बात का प्रतीक हैं कि यादी इरादे नेक हो और उन्हे पुरा करने का जज्बा हो, तो कोई भी दिवार अपने सपनो के आडे नहीं आ सकती हैं.
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